आत्मनिर्भरा हूँ मैं
" आत्मनिर्भरा हूँ मैं " प्रतियोगिता हेतु
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
बाजुओं में दम है मेरे,
अबला नहीं हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
गया वो ज़माना,
जो दोहते थे मुझको,
खूंटे से बंधी गाय,
आज नहीं हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
रखते थे मुझको,
बंद दरवाजों के पीछे,
खोल कर दरवाजे सारे,
आगे बढ़ गयी हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
घुंघटे में रखा मुझको,
बाहर निकलने दिया नहीं,
लाज शर्म में बांधा मुझको,
वो बंधन तोड़ दी हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
लाज शर्म और हया,
तो मेरा गहना है,
इसको मैंने न छोड़ा है,
रुढ़ियाँ तोड़ दी हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
करती हूँ वार त्यौहार,
छोड़े नहीं संस्कार अपने,
सजती संवरती हूँ मैं,
रीत सभी निभाती हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
दरवाजे गर कोई आए,
आदर सत्कार करती हूँ,
अतिथि देव मान कर,
मान सभी का रखती हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
जात पांत न मानी मैंने,
शिक्षा को अपनाया,
कंधा से कंधा मिलाया,
अपना योगदान देती हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
घर हो या बाहर आज,
मिलता है मान मुझको,
करती हूँ कद्र मैं सबकी,
इज्जत से जीना जानती हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
जी तोड़ करती मेहनत,
न पीछे कदम हटाती हूँ,
अबला नारी अब नहीं,
सबला नारी की पहचान हूँ मैं,
आधुनिका हूँ मैं नारी,
आत्मनिर्भरा हूँ मैं,
देश विदेश घूमती हूँ,
आंच न आने देती कभी,
संस्कारों का मान रखती हूँ,
क्यों...? भारत की नारी हूँ मैं ।
काव्य रचना-रजनी कटारे
जबलपुर ( म.प्र.)
Seema Priyadarshini sahay
29-Nov-2021 04:12 PM
बहुत बढ़िया
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Priyanka Rani
28-Nov-2021 09:24 PM
Fantastic
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Swati chourasia
28-Nov-2021 08:55 PM
Wahh kya baat hai bohot khub likha ma'am 👌👌
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